मुंगेली में “पहल” अभियान ने जगाई नई उम्मीदें — बच्चों में बढ़ा जागरूकता, अनुशासन और देशभक्ति का भाव



मुंगेली@अपना छत्तीसगढ़ । समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक आईपीएस भोजराम पटेल द्वारा प्रारंभ किया गया “पहल” अभियान आज मुंगेली जिले के हर ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में नई सोच और नई दिशा का प्रतीक बन गया है। यह अभियान केवल पुलिस और विद्यार्थियों के बीच की एक औपचारिक पहल नहीं, बल्कि एक ऐसा व्यापक जनजागरण कार्यक्रम बन चुका है जिसने अब तक 43 हजार से अधिक विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव की रोशनी जगाई है।

“पहल” — बच्चों को समाज की बुराइयों से बचाने का मिशन
इस अभियान की शुरुआत 25 जुलाई को की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य बच्चों को समाज की कुरीतियों, बुराइयों और बढ़ते अपराधों से दूर रखकर उन्हें सुरक्षित, शिक्षित और आत्मनिर्भर नागरिक बनाना है। आईपीएस भोजराम पटेल का मानना है कि – “अगर हम बच्चों को सही दिशा और सही सोच दे सकें, तो भविष्य अपने आप सुरक्षित हो जाता है।”
तीन मुख्य उद्देश्य – सुरक्षा, जागरूकता और प्रेरणा
“पहल” अभियान के अंतर्गत विद्यार्थियों को तीन प्रमुख विषयों पर विशेष रूप से मार्गदर्शन दिया जा रहा है:
1. ऑनलाइन ठगी से सुरक्षा:
आज के डिजिटल युग में बच्चे मोबाइल और इंटरनेट से गहराई से जुड़े हैं। ऐसे में ऑनलाइन धोखाधड़ी, साइबर ठगी और सोशल मीडिया के दुरुपयोग से बचाव हेतु विद्यार्थियों को व्यवहारिक जानकारी दी जा रही है।
2. नशा से बचाव:
समाज में फैल रहे नशे के जाल से बच्चों को दूर रखने के लिए नशा मुक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। नशे के नुकसान और इससे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव को समझाने के लिए वीडियो, नाट्य मंचन और गीत-संगीत के माध्यम से जागरूकता फैलाई जा रही है।
3. सुरक्षित यातायात का ज्ञान:
सड़क सुरक्षा आज हर परिवार की जिम्मेदारी है। बच्चों को यातायात नियमों की जानकारी देकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

शैक्षणिक संस्थानों में नई ऊर्जा
“पहल” अभियान के तहत जिले के सभी शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं में नुक्कड़ नाटक, गीत-संगीत, खेलकूद, साइकिल रैली, वृक्षारोपण, थाना भ्रमण और जागरूकता श्रृंखलाएं सम्मिलित हैं। इन आयोजनों ने बच्चों के मन में पुलिस के प्रति विश्वास और आत्मीयता का भाव उत्पन्न किया है। बच्चे अब पुलिस को भय नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और मित्र के रूप में देख रहे हैं।
प्रतिभा को मंच देने की दिशा में “पहल प्रतियोगिता”
पहल अभियान के अंतर्गत विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया, जिनमें— ड्राइंग, पोस्टर, रंगोली, स्लोगन, मेंहदी, खेलकूद और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं शामिल थीं। आईपीएस भोजराम पटेल स्वयं कई विद्यालयों में पहुंचकर बच्चों का उत्साहवर्धन करते हैं और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वयं पुरस्कार प्रदान करते हैं।
यह दृश्य न केवल विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों के लिए भी गर्व का क्षण होता है, जब जिले के पुलिस अधीक्षक बच्चों के बीच आकर उन्हें सम्मानित करते हैं और उनके भविष्य के सपनों को सुनते हैं।
भविष्य की ओर कदम – भर्ती प्रशिक्षण और देशभक्ति का भाव
“पहल” केवल जागरूकता तक सीमित नहीं है। इस अभियान के अंतर्गत हायर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को पुलिस, बीएसएफ और अन्य सैन्य सेवाओं में भर्ती की तैयारी के लिए मार्गदर्शन और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस पहल से ग्रामीण अंचलों के युवाओं में नई उम्मीद जगी है कि वे भी अपने समर्पण और अनुशासन से देश सेवा के क्षेत्र में योगदान दे सकते हैं।

आईपीएस भोजराम पटेल ने बताया कि – “हर बच्चा अपने भीतर एक सिपाही, एक नागरिक और एक देशभक्त को लिए होता है। ‘पहल’ का उद्देश्य उसी भावना को जगाना है।”
सामाजिक जिम्मेदारी और पर्यावरण चेतना
“पहल” अभियान में विद्यार्थियों को केवल कानून और सुरक्षा की शिक्षा ही नहीं दी जा रही, बल्कि वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझाया जा रहा है। विभिन्न विद्यालयों में सामूहिक वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित कर यह संदेश दिया गया कि जिम्मेदार नागरिक वह है, जो प्रकृति और समाज दोनों की रक्षा करे।
पुलिस-जन संबंधों में मजबूती
“पहल” ने पुलिस और जनता के बीच की दूरी को कम किया है। बच्चे अब पुलिस को मित्र और संरक्षक मानने लगे हैं।
थाना भ्रमण के दौरान जब बच्चे पुलिस स्टेशन का कार्यप्रणाली देखते हैं, तो उनमें अनुशासन और सेवा की भावना स्वाभाविक रूप से विकसित होती है।
43 हजार बच्चों की मुस्कान — “पहल” की सबसे बड़ी उपलब्धि मुंगेली जिले के लगभग 43,000 विद्यार्थी अब तक इस कार्यक्रम से जुड़ चुके हैं। ये बच्चे न केवल समाज की बुराइयों से दूर हैं, बल्कि आत्मविश्वास, अनुशासन और देशभक्ति की भावना से परिपूर्ण हैं। शिक्षक भी बताते हैं कि “पहल” के बाद विद्यार्थियों में अभिनव सोच, आत्मविश्वास और सामाजिक समझदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
आईपीएस भोजराम पटेल — एक अधिकारी, एक प्रेरक व्यक्तित्व : मुंगेली जिले के पुलिस अधीक्षक आईपीएस भोजराम पटेल ने यह साबित किया है कि पुलिस केवल कानून की रक्षक नहीं, बल्कि समाज की दिशा निर्धारक भी हो सकती है। उनकी यह “पहल” न केवल अपराधों की रोकथाम की दिशा में एक कदम है, बल्कि मानवता और शिक्षा के माध्यम से समाज निर्माण की एक मिसाल है।

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