छत्तीसगढ़ की गिधवा – परसदा में जैव विविधता, प्रवासी पक्षियों के संरक्षण तथा इको-टूरिज्म के विकास के केन्द्रीय राज्यमंत्री तोखन साहू के पहल पर केन्द्रीय वन ,पर्यावरण एवं जल परिवर्तन मंत्री ने दी सहमति

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रायपुर । छत्तीसगढ़ के गिधवा-परसदा आर्द्रभुमि को संरक्षित और विकसित करने के लिए कल आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने वन, पर्यावरण एवं जल परिवर्तन मंत्री से मुलाकात की थी , जिस पर आज केन्द्रीय वन मंत्री भुपेंद्र यादव ने केन्द्रीय राज्यमंत्री  तोखन साहू को  इंदिरा पर्यावरण भवन, नई दिल्ली में आमंत्रित करके गिधवा-परसदा आर्द्रभूमि को अंतरराष्ट्रीय महत्व की “रामसर साइट” के रूप में चिन्हित करने के प्रस्ताव पर सकारात्मक संज्ञान लिया।

आज प्रातः 8 बजे माननीय मंत्री जी ने पुनः आमंत्रित कर इस विषय पर विस्तृत चर्चा की और अधिकारियों को इस दिशा में तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया।

यह निर्णय छत्तीसगढ़ की जैव विविधता, प्रवासी पक्षियों के संरक्षण तथा इको-टूरिज्म के विकास के लिए एक ऐतिहासिक पहल है। मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ भूपेन्द्र यादव का, जिन्होंने त्वरित निर्णय लेकर प्रदेश की इस प्राकृतिक धरोहर को वैश्विक मानचित्र पर स्थान दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया।

इस अवसर पर तोखन साहू ने कहा  कि “मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की इस अनमोल प्राकृतिक धरोहर के महत्व को समझते हुए इसे वैश्विक मानचित्र पर स्थान दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया। यह निर्णय प्रदेश की जैव विविधता, पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन संवर्धन के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।”

श्री साहू ने आगे कहा कि “गिधवा–परसदा आर्द्रभूमि में प्रवासी पक्षियों के संरक्षण के साथ-साथ इको-टूरिज्म के नए अवसर खुलेंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और क्षेत्रीय विकास को नई दिशा मिलेगी। यह केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि जनगौरव और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान का भी सम्मान है।”

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