केन्द्रीय मंत्री ने नकली शंकराचार्य अधोक्षजानंद को किया महिमा मण्डित

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अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
चित्रकूट । त्याग , तपस्या और बलिदान की नगरी चित्रकूट के समीप किला मड़फा स्थित कोलौहा में केन्द्रीय पत्तन , पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने उत्तरप्रदेश सरकार की सहमति से आयोजित कार्यक्रम में शिलापूजन कर श्री आद्य शंकराचार्य आश्रम का विधिवत शिलान्यास किया। खेद का विषय है कि यह कार्यक्रम एक स्वघोषित नकली शंकराचार्य अधोक्षजानन्द देव तीर्थ की उपस्थिति में कराया गया। हिन्दूओं के हितैषी होने का ढिढोरा पीटने वाले राजनीतिक दल को यदि पुरी के शंकराचार्य की पहचान नहीं है और वे नकली शंकराचार्य के मार्गदर्शन में चलना चाहते हैं , तो यह देश का दुर्भाग्य है। आदि शंकराचार्य के परम्परा में 145 वें स्थान पर प्रतिष्ठित वर्तमान शंकराचार्य जो कि चार आम्नाय पीठों में से एक पीठ पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पर विराजित है। आयोजक लोगों को पुरी पीठ जाकर वहां पर उल्लेखित सभी 145  शंकराचार्यों के कार्यकाल का अध्ययन करना चाहिये। या फिर यह सुनियोजित तरीके से नकली शंकराचार्य को प्रतिष्ठित कर देश को रसातल में ले जाने का उपक्रम है। इस प्रकार जब सत्ता सर पर चढ़ती है तो विनाश काले विपरीत बुद्धि की कहावत चरितार्थ होती है।

भावना एवं आस्था के साथ खिलवाड़ है नकली शंकराचार्य – अरविन्द तिवारी

श्री आद्य शंकराचार्य आश्रम के शिलान्यास के अवसर पर स्वघोषित नकली शंकराचार्य की उपस्थिति पर श्री सुदर्शन संस्थानम , पुरी शंकराचार्य आश्रम / मीडिया प्रभारी अरविन्द तिवारी ने कहा कि देश भर में श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री विभूषित स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज के लाखों शिष्य एवं अनुयायी हैं , जिनकी शंकराचार्य परम्परा एवं इनमें प्रतिष्ठित मान्य आचार्यों के प्रति सदा से आस्था रही है।‌ आयोजन समिति के द्वारा ऐसे नकली व्यक्ति को पुरी शंकराचार्य के रुप में प्रचारित कर आमंत्रित करना देश की धर्मप्रिय जनता की भावना एवं आस्था के साथ खिलवाड़ करना है , जिससे समस्त सनातन हिन्दू समाज में आक्रोश का वातावरण निर्मित हो रहा है। नकली शंकराचार्य अधोक्षजानन्द तीर्थ के उक्त कार्यक्रम में केन्द्र या राज्य सरकार के मंत्रीगणों की सहमति में आगमन को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

पुरी पीठ के मान्य शंकराचार्य हैं स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती

यह सर्वविदित है कि वर्तमान में ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठ के 145 वें श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य अनन्तश्री विभूषित स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज हैं। जो कि दार्शनिक , आध्यात्मिक , वैज्ञानिक , गणित आदि विधाओं के विश्वविख्यात विद्वान तथा वर्तमान में सनातन धर्म के वरिष्ठतम आचार्य हैं। जो सनातन धर्म और सनातन मानबिन्दुओं रक्षा के लिये लगातार वर्ष पर्यन्त सम्पूर्ण भारतवर्ष का भ्रमण कर रहे हैं। जिनसे समय – समय पर देश के मान्य प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी , गृहमन्त्री अमित शाह सहित पूर्व एवं वर्तमान केन्द्रीय मन्त्रीगण , पूर्व एवं वर्तमान मुख्यमंत्रीगण , योगी आदित्यनाथ इत्यादि ने भेंट कर पुरी शंकराचार्यजी के रूप में आशीष प्राप्त किया है। यही नहीं उड़ीसा के  उच्च न्यायालय ने भी अपने कई निर्ण यों में  पुरी के वर्तमान प्रामाणिक शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चचलानन्द सरस्वतीजी महाराज का उल्लेख किया है तथा कई धार्मिक विषयों पर कोर्ट मित्र के माध्यम से उनका मार्गदर्शन भी प्राप्त किया है। ऐसी स्थिति मेें अधोक्षजानन्द देवतीर्थ जैसे नकली व्यक्ति का नकली शंकराचार्य के रूप में किसी कार्यक्रम में आगमन तथा किसी के भी द्वारा उसे शंकराचार्य के रुप में बुलाना (जबकि वह नकली आचार्य बन कर घूमने वाला है) यह धर्म तथा भारतीय न्यायपालिका के सर्वथा विरुद्ध है। भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नरेन्द्र मोदी को हस्तलिखित संदेश में पुरी शंकराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज ने देश में घूम रहे नकली शंकराचार्यों पर कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस पर कार्यवाही स्थगित है।

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