गुणवत्ता और मानक ही आत्मनिर्भर भारत की पहचान — सीएम साय

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अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर – गुणवत्ता सिर्फ उद्योग या उत्पादन तक सीमित नहीं , बल्कि यह जीवन के हर पहलू का संस्कार बनना चाहिये। उन्होंने कहा कि मानक केवल नियम नहीं , राष्ट्र निर्माण की रीढ़ हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों , संस्थाओं और विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे क्वालिटी को क्वांटिटी से पहले रखें‌ और छत्तीसगढ़ को मानकीकरण , नवाचार और पारदर्शिता में देश का अग्रणी राज्य बनायें। जब हर नागरिक गुणवत्ता को अपना धर्म समझेगा , तभी सच्चे अर्थों में विकसित भारत का स्वप्न साकार होगा।
                                                                   उक्त बातें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव को संबोधित करते हुये कही। उन्होंने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में मानकों का पालन पारदर्शिता , गुणवत्ता और उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के लिये अनिवार्य है। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान कर उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा रही है और इसके माध्यम से मिलावट व नकली वस्तुओं के कारोबार पर प्रभावी रोक लगी है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उपस्थित जनों को गुणवत्ता शपथ दिलाते हुये मानकीकृत उत्पादों को बढ़ावा देने और बीआईएस के प्रयासों में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।‌ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मानकों की स्थापना में विशेष योगदान देने वाले मानक क्लबों , संस्थाओं और मेंटर्स का सम्मान किया। उन्होंने भारतीय मानक ब्यूरो के कार्यों की सराहना करते हुये कहा कि यह संस्था देश भर में गुणवत्ता की संस्कृति विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सीएम साय ने कहा कि एक समय था जब सोने जैसी धातुओं की शुद्धता का पता लगाना कठिन था , लेकिन आज हर उपभोक्ता बीआईएस हॉलमार्क देखकर ही आभूषण खरीदता है। बीआईएस का हॉलमार्क अब उपभोक्ता भरोसे का प्रतीक बन चुका है।‌‌‌ उन्होंने बताया कि बीआईएस द्वारा बोतलबंद पानी , हेलमेट , खिलौने , गहनों से लेकर करीब बाईस हजार वस्तुओं को मानक चिन्ह प्रदान किये जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच मानक चिन्हों के प्रति जागरूकता बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है , ताकि गुणवत्तापूर्ण उत्पादों को बढ़ावा मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है और इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मानकों की अहम भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि स्वदेशी उत्पादों की गुणवत्ता और मानकीकरण के कारण आज देश के गांव और कस्बों में बने उत्पाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पहचान बना रहे हैं। सीएम साय ने उपस्थित जनों से मानक चिन्हों के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने का आह्वान करते हुये कहा कि विकसित भारत का संकल्प उपभोक्ता अधिकारों की मजबूती से ही पूरा होगा। गुणवत्ता ही आत्मनिर्भर भारत की वास्तविक पहचान है। कार्यक्रम में खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल ने कहा कि विश्व मानक दिवस का उद्देश्य उपभोक्ताओं और समाज में मानकीकरण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह हमारे वैज्ञानिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के प्रयासों को सराहने का अवसर भी है। उन्होंने कहा कि देश तेजी से विकास कर रहा है और गुणवत्ता सुधार अब केवल नीति नहीं , बल्कि एक संकल्प बन चुका है। उन्होंने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इस कार्यशाला से प्राप्त ज्ञान को समाज में आगे बढ़ायें, ताकि उपभोक्ता संरक्षण और अधिक सशक्त हो सके। वहीं भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर शाखा कार्यालय के निदेशक एस. के. गुप्ता ने कहा कि बीआईएस का प्रत्येक मानक उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को समर्पित है। उन्होंने बताया कि उत्पाद की गुणवत्ता सुनिश्चित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और ब्यूरो इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। उन्होंने ब्यूरो द्वारा संचालित गतिविधियों और विभिन्न उत्पादों के मानकीकरण की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बीआईएस का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में निर्मित हर उत्पाद वैश्विक गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरे। विश्व मानक दिवस के अवसर पर आयोजित मानक महोत्सव में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) तथा अन्य संस्थानों द्वारा लगाये गये विभिन्न स्टालों का अवलोकन किया। उन्होंने मानक स्थापना से जुड़ी गतिविधियों और संस्थाओं की कार्यप्रणाली की जानकारी ली और उनके प्रयासों की सराहना की। इस मानक महोत्सव में स्कूली छात्र-छात्राओं द्वारा लगाये गये नवाचार आधारित स्टॉल सभी के आकर्षण का केंद्र रहा। सीएम साय ने विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शित नवाचारों का अवलोकन करते हुये उनके रचनात्मक प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर एनआईटी रायपुर के निदेशक एन. व्ही. रमन्ना राव , चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष सतीश थोरानी , इस्पात प्राधिकरण के कार्यकारी निदेशक ए. के. चक्रवर्ती‌, कैट के अध्यक्ष परमानंद जैन , छत्तीसगढ़ स्टील रिरोलर्स निर्माता संघ के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी और छत्तीसगढ़ ज्वेलर्स संघ के अध्यक्ष कमल सोनी उपस्थित थे।

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