अमरकंटक के धारकुंडी आश्रम में देव उठनी एकादशी पर निःशुल्क माई की रसोई का हुआ शुभारंभ

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नर्मदा परिक्रमावासियों हेतु उत्तम भोजन और ठहरने की संपूर्ण व्यवस्था की हुई शुरुआत ।

संवाददाता – श्रवण उपाध्याय
अमरकंटक । मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली / पवित्र नगरी अमरकंटक में स्थित श्री परमहंस धारकुंडी आश्रम द्वारा निःशुल्क नर्मदा परिक्रमावासियों की सेवार्थ हेतु देवउठनी एकादशी (1 नवंबर 2025) के पावन अवसर पर किए गए शुभारंभ  “माई की रसोई” सेवा आरंभ की गई है जिसमें भावना और संदेश अत्यंत प्रेरणादायी है ।

मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली से लेकर खंभात की खाड़ी सागर तक पैदल चल कर परिक्रमा करने वालों के लिए निःशुल्क भोजन , ठहरने और सेवा व्यवस्था का शुभारंभ किया गया है ।

इस अवसर पर श्री परमहंस आश्रम सेवा संस्थान समिति द्वारा *माई की रसोई* का उद्घाटन देव उठनी एकादशी पावन पर्व पर किया गया , जो मां नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए सदाव्रत , भोजन और ठहरने की उत्तम व्यवस्था सभी निःशुल्क उपलब्ध कराएगी ।

आश्रम के प्रमुख स्वामी बाबा लवलीन महाराज जी ने बताया कि “आश्रम के भक्तों द्वारा यह खास सेवा कार्य समिति के माध्यम से नर्मदा परिक्रमावासियों की निःशुल्क सेवा हेतु यह विशेष व्यवस्था प्रारंभ की गई है । यह सेवा कार्य निरंतर आश्रम में चलता रहेगा और परिक्रमावासीयों और श्रद्धालुओं के लिए लाभदायक सिद्ध होगा ।”

रीवा से पधारे भक्त मुन्ना उर्मालिया ने कहा कि “धारकुंडी आश्रम में नर्मदा परिक्रमावासियों के लिए प्रारंभ की गई ‘माई की रसोई’ एक अभूतपूर्व और आवश्यक सेवा कार्य है । जो समिति द्वारा सदैव इस सेवा को तत्परता से आगे बढ़ाती रहेगी ।”

वहीं संत स्वामी अखिलेश्वर दास जी (कामद गिरी सेवा आश्रम) ने कहा कि “नर्मदा परिक्रमावासियों हेतु निःशुल्क भोजन और विश्राम सेवा का यह कार्य की शुभारंभ ‘मैया रेवा’ की असली और सच्ची सेवा है । आश्रम द्वारा यह सेवा कार्य निश्चित ही उत्तम और प्रेरणादायक रहेगा ।”

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