अरपा कोलवासरी को जमीन देने को लेकर ग्रामीणों सहित जनप्रतिनिधियों ने किया दावा-आपत्ति

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ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में शासन-प्रशासन से मिलकर कि दावा-आपत्ति

भिलाई, रलिया, बेलटुकरी,गतौरा, जयराम नगर कोलवासरी के प्रदुषण से हो जाएगा प्रदूषित

रिपोर्टर ✒️ रूपचंद रॉय बिलासपुर
मस्तूरी : मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम रलिया में अरपा कोल बैनिफिकेशन एंड एनर्जी एलएलपी को रास्ते के लिए शासकीय जमीन का आबंटन को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीणों ने विरोध जताया है। अरपा कोल बैनिफिकेशन एंड एनर्जी एलएलपी द्वारा अपने  आने जाने के लिए 28 डिसमिल शासकीय जमीन आबंटित करने की मांग की गई जिसे लेकर अतिरिक्त तहसीलदार ने आपत्ति दावा के लिए इश्तहार जारी किया था। जिसमे ग्रामीणों ने आपत्ति दर्ज करने प्रशासन के समक्ष शिकायत करने  कल 14 अक्टूबर तथा आज 15 अक्टूबर को क्षेत्र के युवा वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ग्रामीणों ने दावा आपत्ति प्रशासन के समक्ष प्रस्तुत किया हैं।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता मेघनाथ खांडेकर तथा विवेक शर्मा ने शिकायत करने के बाद कहा कि विनोद मित्तल द्वारा ग्राम रलिया, भिलाई एवं बेलटुकरी में खोले जाने वाले अरपा कोल वैनिफिकेशन  एंड एनर्जी शासकीय भूमि खसरा नंबर 206, 28 डिसमिल को अपने निजी लाभ हेतु रास्ता बनाने एवं कब्जा करना चाह रहा है। जो आम रास्ता नहीं शासकीय जमीन है एवं सरकारी भूमि पर कब्जा करना राजस्व सहिंता 1959 कि धारा 248 के तहत अपराध है भ्रष्टाचार है। अरपा कोल बैनिफिकेशन खोलने के संबंध में जनसुनवाई हुई जिसमें 95 प्रतिशत लोगों के द्वारा कोल वाशरी का विरोध किया गया था।

क्षेत्र के वरिष्ठ नेता एवं जनप्रतिनिधियों के साथ ग्रामीणों एवं अन्य ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों का कहना है कि एनटीपीसी एवं अन्य संचालित कोल वाशरी यहां आसपास संचालित है। जिससे राखड़, जहरीली विषैले पानी एवं वायु प्रदूषण के रिसाव एवं अन्य अपशिष्ट पदार्थ से क्षेत्र कि जनता का स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड़ा है और खेत व फसल तबाह हो रहे हैं।अब ऐसे स्थिति में एक नया अरपाकोल वाशरी   खोले जाने से क्षेत्र में प्रदूषण कि दोहरी मार झेलनी पड़ेगी और लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा।

इसके अतिरिक्त भिलाई, रलिया, बेलटुकरी,गतौरा, जयराम नगर एवं अन्य गांव को जोड़ने वाला सड़क जर्जर एवं बड़े बड़े गड्‌ढे हो चुके है। और भी ज्यादा हो जाएंगे। जो की आवा गमन के लिए एकमात्र रास्ता है। यह रास्ता गांवों को जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से बनी है, जिसकी भार क्षमता 10-12 एनटीपीसी एवं संचालित कोल टन की है किन्तु  अन्य वाशरी के द्वारा बड़े बड़े ट्रेलर एवं ट्रको की भार क्षमता 80-90 टन का उपयोग किया जाता है जिससे यहां के लोगो का चलना दुर्भर हो गया है। अब नया कोल वाशरी खुलने से उक्त क्षेत्र के लोग और परेशान हो का जाएंगे।

जनप्रतिनिधियों ने कहा कि हम लोग जनसुनवाई में विरोध किए थे उसके बाद भी अधिकारी भारी विरोध को नजर अंदाज कर रहे हैं हम पहले भी विरोध किए थे आज भी कर रहे हैं और कल भी शांतिपूर्वक विरोध करेंगे।  शिकायत करने वालों में प्रमुख रूप से चंद्रभान चंद्राकर पायल साहू सूरज  विवेक शर्मा देव चंद्राकर किसान नेता एवं वरिष्ठ कांग्रेसी मेघनाथ खांडेकर आयुष शर्मा रामेश्वर साहू बलिराम बघेल विश्वमढ़ी खांडेकर विनोद बघेल, देव चंद्राकर रविन्द्र टंडन, तथा अन्य ग्रामीण जन शिकायत लेकर उपस्थित थे।

“अखबार में प्रकाशित कराया गया था कि सरकारी जमीन को अरपा कोलवासी के लिए देने की बात कही गई थी।आखिर प्रशासन को मित्तल भाई से इतना लगाव क्यों है जो कि 95 प्रतिशत विरोध होने के बाद भी रास्ता दे रहे जिससे पूरा गांव प्रभावित होगा बच्चों को स्कूल जाने आने में लोगो को आने जाने में बहुत परेशानी उठा रहे जो कि अभी रास्ता इतना खराब है आगे अगर अरपा कोलवाशरी के लिए रास्ता मिला तो पूरा जर्जर हो जाएगा जिससे आम इंसान को बहुत परेशानी उठानी पड़ेगी,जिसका हम सब गांव वाले विरोध करते है”

मेघनाथ खांडेकर, सरपंच प्रतिनिधि, ग्राम पंचायत एरमशाही

“समस्या एक हो तो बताऊं” जो जनसुनवाई में जनता ने 95 प्रतिशत विरोध किया क्या प्रशासन ने इसकी स्वीकृति दे दी,और नहीं दी तो है तो किस आधार में प्रशासन उसको रोड देना चाहता है। मै और पूरा गांव उसका विरोध करते है उसके लिए जो करना पड़े करेंगे।

विवेक शर्मा, किसान, भिलाई, जयरामनगर

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